बोर्ड की आय का मुख्य स्त्रोत बोर्ड शुल्क अर्थात विपणन विकास निधि है। मण्डी अधिनियम की धारा 43 के अंतर्गत प्रत्येक मण्डी समिति बोर्ड को अपनी सकल प्राप्तियों मण्डी फीस + अनुज्ञप्ति फीस का एक निर्धारित प्रतिशत जैसा कि राज्य शासन द्वारा घोषित किया गया हो बोर्ड शुल्क के रुप में मासिक आधार पर भुगतान करती है। यह राशि विपणन विकास निधि कहलाती है। राज्य शासन की अधिसूचना क्रमांक डी 15-2000-चौदह-3 दिनांक 04 अप्रेल 2003 से बोर्ड शुल्क की जो दरें प्रभावशील की गई हैं वे निम्नानुसार हैं |
क्रमांक |
मण्डी समिति की वार्षिक सकल प्राप्तियॉ (मण्डी फीस + लायसेंस फीस) |
बोर्ड अंशदान की दरें |
1 |
रुपये 1 से रुपये 5 लाख तक
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1% (प्रतिशत)
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2
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रुपये 5 लाख 1 से रुपये 10 लाख तक |
5% (प्रतिशत) |
3 |
रुपये 10 लाख 1 से रुपये 20 लाख तक |
10% (प्रतिशत) |
4 |
रुपये 20 लाख 1 से रुपये 40 लाख तक |
15% (प्रतिशत) |
5 |
रुपये 40 लाख 1 से रुपये 60 लाख तक |
20% (प्रतिशत) |
6 |
रुपये 60 लाख 1 से रुपये 1 करोड़ तक |
25% (प्रतिशत)
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7 |
रुपये 1 करोड़ से अधिक |
30% (प्रतिशत) |